एक मासूम किशोरी चिकित्सक के पास जाती है, उसका सौतेला भाई हस्तक्षेप करता है, उसे बहकाता है। जब वह सोफे पर तबाह हो जाती है तो वह हर विवरण को कैद कर लेती है, साथ में चरमोत्कर्ष पर पहुंच जाती है। सौतेले भाई की रिहाई, उसकी संतुष्टि। थेरेपी कभी इतनी अच्छी नहीं लगी।